विवाद के बीच एस्ट्राजेनेका दुनिया भर से वापस मंगा रही अपनी कोरोना वैक्सीन, क्या भारत से भी हटेगी कोविशील्ड?

लंदन: एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन को लेकर उठ रही सुरक्षा चिंताओं के बीच कंपनी ने मंगलवार को कहा है कि उसने दुनिया भर से अपने टीकों को वापस लेने की पहल की है। कंपनी ने कहा है कि वह यूरोप के भीतर वैक्सजेवरिया नाम से दी जा रही वैक्सीन को वापस ले

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लंदन: एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन को लेकर उठ रही सुरक्षा चिंताओं के बीच कंपनी ने मंगलवार को कहा है कि उसने दुनिया भर से अपने टीकों को वापस लेने की पहल की है। कंपनी ने कहा है कि वह यूरोप के भीतर वैक्सजेवरिया नाम से दी जा रही वैक्सीन को वापस ले रही है। द टेलीग्राफ ने इस बारे में जानकारी दी है। भारत में एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से लगी थी। देश में अधिकांश लोगों को कोविशील्ड का ही टीका लगा है। एस्ट्राजेनेका ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है जब पिछले दिनों ही उसने ब्रिटेन की कोर्ट में स्वीकार किया था कि उसकी वैक्सीन से खून में थक्का जमना की दुर्लभ संभावना हो सकती है।

कंपनी ने बताई ये वजह

एस्ट्राजेनेका के खिलाफ ब्रिटेन में कई मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें लोगों ने वैक्सीन लगवाने के बाद गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का दावा किया है। हालांकि कंपनी ने अपनी वैक्सीन वापसी के पीछे टीकों की अधिकता को कारण बताया है। कंपनी ने कहा, वैक्सीन को वापस लेने का फैसला उपलब्ध अपडेटेड टीकों की अधिकता के कारण है, जिसके चलते 'वैक्सीन की मांग में गिरावट' हुई है।

कंपनी ने कहा, 'चूंकि कई प्रकार को कोविड-19 वैक्सीन विकसित की गई हैं, ऐसे में अपडेटेड टीके अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके वैक्सेजेवरिया की मांग में गिरावट आई है, जिसका निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है।' टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन वापस लेने के लिए 5 मार्च को आवेदन किया था और यह 7 मई को प्रभावी हुआ है।

एस्ट्राजेनेका के खिलाफ केस

एस्ट्राजेनेका ब्रिटेन में एक क्लास एक्शन मुकदमे का सामना कर रही है, जिसमें कंपनी की वैक्सीन की वजह से मौत और गंभीर शारीरिक क्षति होने का दावा किया गया है। ब्रिटेन में जेमी स्कॉट नाम के एक व्यक्ति ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया कि वैक्सीन लेने के बाद उसके मस्तिष्क में खून का थक्का जम गया, जिससे उसे दिमाग में गंभीर क्षति हुई। पहले कंपनी ने वैक्सीन की वजह से किसी बीमारी से इनकार किया लेकिन बाद में उसने कोर्ट में बताया कि टीके के चलते टीटीएस नाम की गंभीर बीमारी हो सकती है, हालांकि यह बहुत दुर्लभ है।


क्या भारत से भी वापस होगी वैक्सीन?

हालांकि, कंपनी ने वैक्सीन को वापस लेने का फैसला अभी यूरोप में ही लिया है, लेकिन इसके बाद एक सवाल उठने लगा है कि क्या भारत में कोविशील्ड नाम से मौजूद इसके टीके को भी वापस लिया जा सकता है। कोविशील्ड का उत्पादन पुणे स्थित दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है। ऐसे में टीके को वापस लेने का फैसला सीरम को ही करना होगा। भारत में भी वैक्सीन को लेकर चिंताएं उठाई गई हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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